चर्चा में
क्यों
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ऑक्सफैम की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में सवा अरब से ज्यादा लोग गरीबी में चले जाएंगे।
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ऑक्सफैम रिपोर्ट से सम्बन्धित यह अनुमान विश्व बैंक के अनुमानों के साथ-साथ विश्व बैंक और सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा किए गए पहले के शोध पर आधारित हैं।
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इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया भर में वित्तीय संकट रूस-यूक्रेन संकट और COVID-19 से संबंधित आर्थिक संकट के कारण कीमतों में वृद्धि से प्रेरित होगा।
महत्वपूर्ण बिन्दु
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इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों ने महामारी के दौरान अपनी आय को दोगुना कर दिया साथ ही, इसी अवधि के दौरान, 2,744 छोटे अरबपतियों ने पिछले 14 वर्षों की तुलना में अपनी नेटवर्थ में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है।
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COVID-19
के साथ रूस-यूक्रेन संकट दुनिया भर में अमीर और गरीब के बीच की खाई को और चौड़ा कर रहा है।
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गौरतलब है कि महामारी की शुरुआत के बाद से, दुनिया भर में लगभग 3.3 बिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं, जबकि हर 26 घंटे में एक नया व्यक्ति अरबपति बन रहा है।
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महामारी के कारण, लोगों ने अपनी नौकरी और बचत खो दी, जबकि खाद्य कीमतों में 2011 के संकट की तुलना में अधिक वृद्धि हुई है।
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वही दूसरी तरफ अरबपति काफी ज्यादा कमाई कर रहे हैं, क्योंकि वे मुनाफे को बढ़ाने के लिए मुद्रास्फीति के माहौल का फायदा उठा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में तेल कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं।
सुझाव
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गरीब देशों में, उन्हें मुद्रास्फीति से बचाने के लिए नकद हस्तांतरण और मुख्य भोजन पर मूल्य वर्धित करों में कटौती की जानी चाहिए।
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निम्न और निम्न-मध्यम आय के दायरे में आने वाले देशों के लिए, विश्व बैंक को वर्ष 2022 और 2023 के लिए ऋण भुगतान को रद्द कर देना चाहिए।
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अमीरों पर कराधान लागू किया जाना चाहिए। 5 मिलियन डालर से अधिक की व्यक्तिगत संपत्ति पर 2% कर, 50 मिलियन डालर से अधिक की संपत्ति के लिए 3% और 1 बिलियन डालर से अधिक की संपत्ति पर 5% लगाया जाना चाहिए।
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निम्न-आय वाले देशों की आपातकालीन सहायता बढ़ाई जानी चाहिए।