स्थान: आंध्र प्रदेश, विशाखापत्तनम,
अच्युतपुरम मंडल, पुदीमदका
भूमि क्षेत्र: 486 हेक्टेयर
(1,200 एकड़)
उत्पादन लक्ष्य: प्रतिदिन 1,200 टन
ग्रीन हाइड्रोजन
महत्व:
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भारत का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन
संयंत्र,
जो राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मजबूत करेगा।
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ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में वृद्धि।
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हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को
वैश्विक नेता बनाने में योगदान।
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पर्यावरणीय लाभ: कार्बन उत्सर्जन में कमी, प्रदूषण
में कमी।
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आर्थिक लाभ: रोजगार सृजन, औद्योगिक
विकास, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा।
प्रमुख विशेषताएं:
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अत्याधुनिक इलेक्ट्रोलाइज़र तकनीक का उपयोग।
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नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली का उपयोग।
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हाइड्रोजन भंडारण और परिवहन के लिए उन्नत
बुनियादी ढांचा।
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विभिन्न क्षेत्रों में हाइड्रोजन के उपयोग के
लिए अनुसंधान और विकास।
संभावित अनुप्रयोग:
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बिजली उत्पादन: हाइड्रोजन ऊर्जा संयंत्रों और
ग्रीन ग्रिड का विकास।
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परिवहन: हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन, हवाई जहाज,
जहाज।
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उद्योग: हाइड्रोजन-आधारित रसायन, उर्वरक,
स्टील उत्पादन।
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घरेलू उपयोग: हाइड्रोजन-आधारित खाना पकाने और
ताप उपकरण।
निष्कर्ष:
यह संयंत्र भारत के ऊर्जा
परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगा। यह ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक
विकास और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगा। यह भारत को हाइड्रोजन ऊर्जा के
क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनने में मदद करेगा.
अतिरिक्त जानकारी:
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ग्रीन हाइड्रोजन पानी से इलेक्ट्रोलिसिस की
प्रक्रिया द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन है।
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इलेक्ट्रोलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें
बिजली का उपयोग पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए किया जाता
है।
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ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा
स्रोतों,
जैसे कि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उपयोग करके किया जाता है।
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ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है
क्योंकि यह जलने पर कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित नहीं करता है.