प्रस्तावना:
हाल ही में लोकसभा ने
जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से संबंधित दो
महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया। ये विधेयक हैं:
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संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जातियां
आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024
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संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित
जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024
विधेयकों का उद्देश्य:
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संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जातियां
आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024:
इस विधेयक का उद्देश्य
वाल्मीकि समुदाय को जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करना है।
यह समुदाय लंबे समय से इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहा था।
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संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित
जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024:
इस विधेयक का उद्देश्य
जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में चार समुदायों को शामिल करना है: गड्डा
ब्राह्मण,
कोली, पड्डारी और पहाड़ी। इन समुदायों को भी लंबे
समय से इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे।
विधेयकों का महत्व:
इन विधेयकों को
जम्मू-कश्मीर में एससी और एसटी समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए
महत्वपूर्ण माना जाता है। इन समुदायों को आरक्षण और अन्य सरकारी लाभों तक पहुंच
प्रदान करके,
इन विधेयकों का उद्देश्य इन समुदायों को मुख्यधारा में लाना है।
विवाद:
इन विधेयकों को लेकर कुछ
विवाद भी है। कुछ लोगों का तर्क है कि ये विधेयक अन्य समुदायों के साथ अन्याय
करेंगे। इन समुदायों का तर्क है कि पहले से ही आरक्षण की व्यवस्था के कारण उन्हें
नौकरी और शिक्षा में पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
निष्कर्ष:
लोकसभा द्वारा
जम्मू-कश्मीर में एससी और एसटी से संबंधित विधेयकों को पारित करना एक महत्वपूर्ण
घटना है। इन विधेयकों का उद्देश्य इन समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास को
बढ़ावा देना है। हालांकि,
इन विधेयकों को लेकर कुछ विवाद भी है। सरकार को इन विधेयकों के
क्रियान्वयन में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि सभी समुदायों के हितों का ध्यान रखा जा
सके।