चर्चा में क्यों
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नीदरलैंड में राष्ट्रीय जल स्तर अब तक के सबसे निचले
स्तर तक गिर गया है। नतीजतन, देश पानी की कमी से जूझ रहा है।
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जल संकट प्रबंधन दल के अनुसार देश में लगातार सूखे
की वजह से ‘पानी की कमी’
हो गई है।
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पानी
की कमी से पता चलता है कि, राइन नदी
(Rhine River) का पानी सामान्य से
50% कम पानी की आपूर्ति कर रहा है।
महत्वपूर्ण बिन्दु
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लंबे
समय में पानी
की कमी के कारण मिट्टी का लवणीकरण (salinisation) हो सकता है, जिससे कृषि उद्योग प्रभावित हो सकता
है।
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नीदरलैंड पानी की प्रचुरता के लिए जाना
जाता है। इस तथ्य के बावजूद, पिछले 22 वर्षों में पांचवीं बार पानी की कमी घोषित की गई है।
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पानी
की कमी की स्थिति अब 2003 में तीसरे स्तर के खतरे तक बढ़ गई है।
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नीदरलैंड नम और अप्रत्याशित मौसम के लिए जाना जाता है। हालांकि, वर्ष 2022 में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम बेहद
शुष्क हो गया है।
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हालांकि, पानी की कमी के कारण नागरिक या निवासी ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे।
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लेकिन
यह अभी के लिए शिपिंग और खेती जैसे कुछ उद्योगों में काम करने वालों को प्रभावित करेगा। देश में प्रकृति पर भी असर पड़ेगा।
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जल संकट प्रबंधन टीम अब पानी की कमी से निपटने के लिए कार्य
योजना लागू कर रही है। अनेक
विचार प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
ऐसा ही एक विचार है- डायमेन में बबल स्क्रीन स्थापित करना।
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बबल स्क्रीन नमक और ताजे पानी को अलग करने में मदद करेगी और इस प्रकार लवणीकरण को रोकेगी।