14 फरवरी, 2024 को
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में स्वामीनारायण अक्षर
पुरुषोत्तम मंदिर का भव्य उद्घाटन हुआ। यह मंदिर खाड़ी क्षेत्र में अपनी तरह
का पहला हिंदू मंदिर है और इसे बनाने में 12 साल लगे। यह
मंदिर 20,000 वर्ग मीटर के
क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें 9 गुंबद, 24 मीनारें और 7 शिखर हैं।
इसका निर्माण 10,000 टन संगमरमर और 300 टन पीतल का उपयोग करके किया गया है। मंदिर में
भगवान स्वामीनारायण, उनके गुरुओं और प्रमुख शिष्यों की
मूर्तियां स्थापित हैं।
उद्घाटन समारोह:
उद्घाटन समारोह में भारत के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी,
यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान और अन्य
गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि यह मंदिर भारत और यूएई के
बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल हिंदुओं के लिए,
बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए आध्यात्मिकता और शांति का केंद्र
होगा।
मंदिर की विशेषताएं:
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मंदिर का मुख्य गुंबद 40
मीटर ऊंचा है और इसमें 150
टन सोने का इस्तेमाल किया गया है।
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मंदिर के प्रवेश द्वार पर
भगवान स्वामीनारायण की 7 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है।
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मंदिर में एक विशाल हॉल है जिसमें 1,000 से अधिक लोग बैठ सकते हैं।
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मंदिर में एक पुस्तकालय और एक
संग्रहालय भी है।
मंदिर का महत्व:
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यह मंदिर भारत और यूएई के बीच
संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
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यह मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं को एकजुट करने में मदद करेगा।
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यह मंदिर अबू धाबी में हिंदू
समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक
केंद्र बन जाएगा।
उदाहरण:
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मंदिर में नियमित धार्मिक
अनुष्ठान और प्रवचन आयोजित किए जाएंगे।
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हिंदू त्योहारों को
मंदिर में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाएगा।
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मंदिर शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक कल्याण गतिविधियों का केंद्र भी बन जाएगा।
निष्कर्ष:
स्वामीनारायण अक्षर पुरुषोत्तम मंदिर, अबू धाबी
एक महत्वपूर्ण घटना है जो भारत और यूएई के बीच संबंधों को मजबूत करने, दुनिया भर के हिंदुओं को एकजुट करने और अबू धाबी में हिंदू समुदाय को
मजबूत करने में मदद करेगा।