परिचय:
हाल ही में, उत्तर
प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी। यह नीति 2028 तक सालाना 10 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन
उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करती है।
नीति के मुख्य बिंदु:
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अवधि: 5 साल (2024-2029)
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उद्योगों को सब्सिडी:
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10
से 30% पूंजीगत खर्च पर सब्सिडी
o
पहले 5 उद्योगों को 40% तक पूंजीगत खर्च पर विशेष छूट
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एनर्जी बैंकिंग:
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इंट्रास्टेट बिजली भेजने पर 100% शुल्क
में छूट
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अन्य राज्यों में बिजली मंगाने पर भी 100% बिलिंग
व ट्रांसमिशन शुल्क में छूट
o
100%
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट
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भूमि लीज: 30 वर्ष के लिए ग्राम
समाज और सरकारी भूमि लीज पर उपलब्ध
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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: ग्रीन
हाइड्रोजन उत्पादन लागत घटाने और तकनीकी विकास के लिए दो केंद्र
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शैक्षणिक संस्थानों को प्रोत्साहन: 100% वित्तीय
प्रोत्साहन (अधिकतम 50 करोड़ रुपये)
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स्टार्टअप को प्रोत्साहन: 25 लाख
रुपये प्रतिवर्ष प्रति स्टार्टअप (5 वर्षों तक)
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पंजीकरण एवं स्टांप शुल्क में छूट: नयवेली
उत्तर प्रदेश पावर लि. को बंधक पत्र के पंजीकरण और स्टांप शुल्क में छूट
नीति के लाभ:
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ऊर्जा सुरक्षा: हाइड्रोजन
ऊर्जा का स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत है। यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
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पर्यावरण संरक्षण: हाइड्रोजन
जलने पर कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित नहीं करता है। यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने
में मदद करेगा।
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आर्थिक विकास: रोजगार
सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
नीति के प्रभाव:
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ग्रीन हाइड्रोजन उद्योग को बढ़ावा देगा
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निवेश को आकर्षित करेगा
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रोजगार सृजन करेगा
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पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा
चुनौतियां:
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उच्च लागत: ग्रीन
हाइड्रोजन अभी भी महंगा है।
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तकनीकी विकास: ग्रीन
हाइड्रोजन उत्पादन तकनीक अभी भी विकसित हो रही है।
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बुनियादी ढांचे का अभाव: हाइड्रोजन
भंडारण और परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।
उदाहरण:
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उद्योगों को सब्सिडी:
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड: ग्रीन
हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 30% सब्सिडी।
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अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड: ग्रीन
हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 20% सब्सिडी
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एनर्जी बैंकिंग:
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यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड: ग्रीन
हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 100% शुल्क में छूट पर इंट्रास्टेट
बिजली खरीदेगा।
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भूमि लीज:
o
गाजियाबाद: ग्रीन
हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 50 एकड़ भूमि
लीज पर दी गई।
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश ग्रीन
हाइड्रोजन नीति राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए
एक महत्वपूर्ण कदम है। नीति में उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों और
स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान हैं। यदि नीति को प्रभावी ढंग
से लागू किया जाता है, तो यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है.