हाल ही में उत्तर
प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी द्वारा सम्पन्न हुआ। यह मंदिर भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि को
समर्पित होगा, जो कलियुग के अंत में अधर्म का नाश और धर्म की
पुनर्स्थापना करेंगे।
मंदिर की भव्यता:
·
200 एकड़ में फैला विशाल परिसर
·
108 फीट ऊंची भगवान कल्कि की मूर्ति, जो विश्व में सबसे ऊंची होगी
·
भगवान शिव, भगवान गणेश, एवं अन्य देवी-देवताओं की भव्य
मूर्तियां
·
आधुनिक सुविधाओं से युक्त
धर्मशाला, भोजनालय, पुस्तकालय, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, एवं अन्य सुविधाएं
मंदिर का महत्व:
·
धार्मिक दृष्टिकोण से
महत्वपूर्ण तीर्थस्थल: मंदिर भगवान कल्कि को समर्पित होगा, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। यह मंदिर धार्मिक भावनाओं को
प्रेरित करेगा और लोगों को अध्यात्मिकता की ओर आकर्षित करेगा।
·
पर्यटन को बढ़ावा देने एवं
क्षेत्रीय विकास में सहायक: मंदिर के निर्माण से
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसरों का
सृजन होगा और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
·
राष्ट्रीय एकता एवं भाईचारे का
प्रतीक: मंदिर विभिन्न धर्मों के लोगों को एकजुट करेगा
और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री का संबोधन:
·
मंदिर को राष्ट्रीय गौरव एवं
सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया
·
मंदिर निर्माण को धार्मिक एवं
सामाजिक उत्थान का माध्यम बताया
·
मंदिर के निर्माण में सभी
वर्गों के लोगों की भागीदारी का आह्वान
मंदिर का प्रभाव:
·
रोजगार के अवसरों का सृजन: मंदिर निर्माण के फलस्वरूप हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा, जिसमें स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
·
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा: मंदिर पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होगा, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय व्यवसायों को लाभ
होगा।
·
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में
वृद्धि: पर्यटन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि से
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
·
सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास: मंदिर सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास का केंद्र होगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य क्षेत्रों में भी विकास होगा।
उदाहरण:
·
मंदिर निर्माण के लिए 10,000
कारीगरों को काम पर रखा जाएगा, जो
स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान करेगा।
·
मंदिर के प्रति वर्ष 10 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है, जिससे
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय व्यवसायों को लाभ होगा।
·
मंदिर के आसपास स्कूलों, अस्पतालों, और अन्य सामाजिक एवं सांस्कृतिक
सुविधाओं का विकास किया जाएगा।