स्थान: पर्थ, ऑस्ट्रेलिया
दिनांक: 9-10 फरवरी, 2024
आयोजक: भारतीय विदेश मंत्रालय के
इंडिया फाउंडेशन
सम्मेलन का विषय: "स्थिर
और टिकाऊ हिंद महासागर की ओर"
प्रमुख भागीदार:
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ऑस्ट्रेलिया सरकार
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एस राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, सिंगापुर
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पर्थ यूएसए एशिया सेंटर
प्रमुख बिंदु:
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22
से अधिक देशों के मंत्री और 16 देशों और 6
बहुपक्षीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने
और "शांति, समृद्धि और सुरक्षा" के लक्ष्य को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित
किया गया।
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प्रमुख मुद्दों में शामिल थे:
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समुद्री सुरक्षा
o
जलवायु परिवर्तन
o
टिकाऊ विकास
o
आर्थिक सहयोग
o
मानव तस्करी
o
आतंकवाद
उद्देश्य:
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हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा
और समृद्धि को बढ़ावा देना
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क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना
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साझा चुनौतियों का समाधान करना
·
हिंद महासागर क्षेत्र को एक "स्थिर और
टिकाऊ" क्षेत्र बनाना
महत्व:
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यह सम्मेलन हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के
बीच संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण
अवसर था।
·
इस सम्मेलन ने क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान
करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
·
इस सम्मेलन ने हिंद महासागर क्षेत्र को एक
"स्थिर और टिकाऊ" क्षेत्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
विश्लेषण:
सम्मेलन का समय:
यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण समय पर आयोजित किया
गया था जब हिंद महासागर क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे कि
जलवायु परिवर्तन, समुद्री सुरक्षा, और
आतंकवाद।
सम्मेलन की सफलता:
सम्मेलन को कई मायनों में सफल माना जा सकता
है:
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उच्च स्तरीय भागीदारी: 22 से
अधिक देशों के मंत्रियों और 16 देशों और 6 बहुपक्षीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी सम्मेलन के महत्व को
दर्शाती है।
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महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित: सम्मेलन
ने क्षेत्रीय सहयोग और साझा चुनौतियों का समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों
पर ध्यान केंद्रित किया।
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ठोस परिणाम: सम्मेलन
ने कई ठोस परिणामों का उत्पादन किया, जैसे कि
"हिंद महासागर क्षेत्र के लिए टिकाऊ विकास के लिए एक रोडमैप"।
सम्मेलन की चुनौतियाँ:
सम्मेलन को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना
पड़ा:
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क्षेत्रीय शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा: चीन
और भारत के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा हिंद महासागर क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती
है।
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समुद्री सुरक्षा: समुद्री
डकैती और आतंकवाद जैसी समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना मुश्किल होगा।
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जलवायु परिवर्तन: जलवायु
परिवर्तन हिंद महासागर क्षेत्र के लिए एक गंभीर खतरा है, और इसके प्रभावों को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता
होगी।
निष्कर्ष:
7वां हिंद महासागर सम्मेलन हिंद महासागर
क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने में
एक महत्वपूर्ण कदम था। सम्मेलन ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया
और कई ठोस परिणामों का उत्पादन किया।